धारा 412 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 412 के अनुसार, जो कोई ऐसी चुराई गई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखे रखेगा, जिसके कब्जे के विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डकैती द्वारा स्थानांतरित की गई है, अथवा किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसके संबंध में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डाकुओं की टोली का है या रहा है, ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई है, बेईमानी से प्राप्त करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा। लागू अपराध लूट करने, या लूट का प्रयत्न करने में स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाना। सजा – आजीवन कारावास या दस वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक ग़ैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।