धारा 128 आईपीसी (IPC Section 128 in Hindi) – लोक सेवक का स्वेच्छया राजकैदी या युद्धकैदी को निकल भागने देना।

धारा 128 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 128 के अनुसार, जो कोई लोक सेवक होते हुए अपनी अभिरक्षा में रखे हुए किसी राजकैदी या युद्धकैदी को, ऐसे स्थान से जिसमें ऐसा कैदी परिरुद्ध है, स्वेच्छया निकल भागने देगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दण्ड से दण्डित किया जाएगा। लागू अपराध लोक सेवक का स्वेच्छया राजकैदी या युद्धकैदी को निकल भागने देना। सजा – आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

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