धारा 93 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 93 के अनुसार, सद््भावपूर्वक दी गई संसूचना उस अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो उस व्यक्ति की हो जिसे वह दी गई है, यदि वह उस व्यक्ति के फायदे के लिए दी गई हो । दृष्टांत क, एक शल्यचिकित्सक, एक रोगी को सद््भावपूर्वक यह संसूचित करता है कि उसकी राय में वह जीवित नहीं रह सकता । इस आघात के परिणामस्वरूप उस रोगी की मॄत्यु हो जाती है । क ने कोई अपराध नहीं किया है, यद्यपि वह जानता था कि उस संसूचना से उस रोगी की मॄत्यु कारित होना संभाव्य है ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।