धारा 111 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 111 के अनुसार, जब कि किसी एक कार्य का दुष्प्रेरण किया जाता है, और कोई भिन्न कार्य किया जाता है, तब दुष्प्रेरक उस किए गए कार्य के लिए उसी प्रकार से और उसी विस्तार तक दायित्व के अधीन है, मानो उसने सीधे उसी कार्य का दुष्प्रेरण किया हो: – परन्तुक–परन्तु यह तब जब कि किया गया कार्य दुष्प्रेरण का अधिसम्भाव्य परिणाम था और उस उकसाहट के असर के अधीन या उस सहायता से या उस षडयंत्र के अनुसरण में किया गया था जिससे वह दुष्प्रेरण गठित होता है। लागू अपराध दुष्प्रेरक का दायित्व जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है। सजा – अपराध अनुसार। इसकी जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई अपराध अनुसार होगी। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।