धारा 239 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 239 के अनुसार, जो कोई अपने पास कोई ऐसा कूटकॄत सिक्का होते हुए जिसे वह उस समय, जब वह उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह कूटकॄत है, कपटपूर्वक, या इस आशय से कि कपट किया जाए, उसे किसी व्यक्ति को परिदत्त करेगा या किसी व्यक्ति को उसे लेने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।