धारा 129 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 129 के अनुसार, जो कोई लोक सेवक होते हुए और किसी राजकैदी या युद्धकैदी की अभिरक्षा रखते हुए उपेक्षा से ऐसे कैदी का किसी ऐसे परिरोध स्थान से जिसमें ऐसा कैदी परिरुद्ध है, निकल भागना सहन करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा। लागू अपराध लोक सेवक का उपेक्षापूर्वक स्वयं की अभिरक्षा से किसी कैदी का निकल भागना सहन करना। सजा – तीन वर्ष सादा कारावास + आर्थिक दण्ड। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।