धारा 489ग का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 489ग के अनुसार, जो कोई किसी कूटरचित या कूटकॄत करेन्सी नोट या बैंक नोट को यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह कूटरचित या कूटकॄत है और यह आशय रखते हुए कि उसे असली के रूप उपयोग में लाए या वह असली के रूप में उपयोग में लाई जा सके, अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।