धारा 263क आईपीसी (IPC Section 263क in Hindi) – बनावटी स्टाम्पों का प्रतिषेघ

धारा 263क का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 263क के अनुसार, (1) जो कोई किसी बनावटी स्टाम्प को– (क) बनाएगा, जानते हुए चलाएगा, उसका व्यौहार करेगा या उसका विक्रय करेगा या उसे डाक संबंधी किसी प्रयोजन के लिए जानते हुए उपयोग में लाएगा, अथवा (ख) किसी विधिपूर्ण प्रतिहेतु के बिना अपने कब्जे में रखेगा, अथवा (ग) बनाने की किसी डाइ, पट्टी, उपकरण या सामग्रियों को बनाएगा, या किसी विधिपूर्ण प्रतिहेतु के बिना अपने कब्जे में रखेगा, वह जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक हो सकेगा, दंडित किया जाएगा । (2) कोई ऐसा स्टाम्प, कोई बनावटी स्टाम्प बनाने की डाई, पट्टी, उपकरण या सामग्रियां, जो किसी व्यक्ति के कब्जे में हो, 2[अभिगॄहीत की जा सकेगी और अभिगॄहीत की जाएं] तो समपहृत कर ली जाएगी । 1 1895 के अधिनियम सं0 3 की धारा 2 द्वारा जोड़ा गया । 2 1953 के अधिनियम सं0 42 की धारा 4 और अनुसूची 3 द्वारा अभिगॄहीत की जा सकेगी और के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 51 (3) इस धारा में बनावटी स्टाम्प से ऐसा कोई स्टाम्प अभिप्रेत है, जिससे यह मिथ्या रूप से तात्पर्यित हो कि सरकार ने डाक महसूल की दर के द्योतन के प्रयोजन से उसे प्रचालित किया है या जो सरकार द्वारा उस प्रयोजन से प्रचालित किसी स्टाम्प की, कागज पर या अन्यथा, अनुलिपि, अनुकॄति,या समरूपण हो । (4) इस धारा में और धारा 255 से लेकर धारा 263 तक में भी, जिनमें ये दोनों धाराएं भी समाविष्ट है, सरकार शब्द के अंतर्गत, जब भी वह डाक महसूल की दर से द्योतन के प्रयोजन से प्रचालित किए गए किसी स्टाम्प के ससंग या निर्देशन में उपयोग किया गया है, धारा 17 में किसी बात के होते हुए भी, वह या वे व्यक्ति समझे जाएंगे जो भारत के किसी भाग में और हर मजेस्टी की डोमीनियनों के किसी भाग में, या किसी विदेश में भी, कार्यपालिका सरकार का प्रशासन चलाने के लिए विधि द्वारा प्राधिकॄत हो ।

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