धारा 218 आईपीसी (IPC Section 218 in Hindi) – किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध अभिलेख या लेख की रचना

धारा 218 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 218 के अनुसार, जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते कोई अभिलेख या अन्य लेख तैयार करने का भार रखते हुए, उस अभिलेख या लेख की इस प्रकार से रचना, जिसे वह जानता है कि अशुद्ध है लोक को या किसी व्यक्ति को हानि या क्षति कारित करने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा कारित करेगा यह जानते हुए अथवा किसी व्यक्ति को वैध दंड से बचाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा बचाएगा यह जानते हुए अथवा किसी संपत्ति को ऐसे समपहरण या अन्य भार से, जिसके दायित्व के अधीन वह संपत्ति विधि के अनुसार है, बचाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा बचाएगा या जानते हुए करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

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