धारा 171ख आईपीसी (IPC Section 171ख in Hindi) – रिश्वत

धारा 171ख का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 171ख के अनुसार, (1) जो कोई– (त्) किसी व्यक्ति को इस उद्देश्य से परितोषण देता है कि वह उस व्यक्ति को या किसी अन्य व्यक्ति को किसी निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे या किसी व्यक्ति को इसलिए इनाम दे कि उसने ऐसे अधिकार का प्रयोग किया है, अथवा (त्त्) स्वयं अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई परितोषण ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए उत्प्रेरित करने या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करने के लिए इनाम के रूप में प्रतिगॄहीत करता है, वह रिश्वत का अपराध करता है : परंतु लोक नीति की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन इस धारा के अधीन अपराध न होगा । (2) जो व्यक्ति परितोषण देने की प्रस्थापना करता है या देने को सहमत होता है या उपाप्त करने की प्रस्थापना या प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण देता है । (3) जो व्यक्ति परितोषण अभिप्राप्त करता है या प्रतिगॄहीत करने को सहमत है या अभिप्राप्त करने का प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण प्रतिगॄहीत करता है और जो व्यक्ति वह बात करने के लिए, जिसे करने का उसका आशय नहीं है, हेतुस्वरूप, या जो बात उसने नहीं की है उसे करने के लिए इनाम के रूप में परितोषण प्रतिगॄहीत करता है, यह समझा जाएगा कि उसने परितोषण को इनाम के रूप में प्रतिगॄहीत किया है ।

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