धारा 109 आईपीसी (IPC Section 109 in Hindi) – अपराध के लिए उकसाने के लिए दण्ड, यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरूप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

धारा 109 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 109 के अनुसार, जो भी कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि दुष्प्रेरित कार्य उकसाने के परिणामस्वरूप किया जाता है, और ऐसे दुष्प्रेरण के दण्ड के लिए इस संहिता में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, तो वह उस दण्ड से दण्डित किया जाएगा, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है।   लागू अपराध अपराध के लिए दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरूप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। सजा – अपराध अनुसार। इसकी जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई अपराध अनुसार होगी।   यह समझौता करने योग्य नहीं है।   स्पष्टीकरण–कोई कार्य या अपराध दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया गया तब कहा जाता है, जब वह उस उकसाहट के परिणामस्वरूप या उस षडयंत्र के अनुसरण में या उस सहायता से किया जाता है, जिससे दुष्प्रेरण संस्थापित होता है।

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