धारा 502 आईपीसी (IPC Section 502 in Hindi) – मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण सामग्री का बेचना।

धारा 502 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 502 के अनुसार, जो कोई किसी मुद्रित या उत्कीर्ण सामग्री को, जिसमें मानहानिकारक विषय अन्तर्विष्ट है, यह जानते हुए कि उसमें ऐसा विषय अन्तर्विष्ट है, बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास से जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा। लागू अपराध 1. मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण सामग्री का बेचना, यह जानते हुए कि उसमें लोक अभियोजक द्वारा राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के खिलाफ उनके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में उनके आचरण के संबंध में की गई शिकायत अनुसार स्थापित मानहानि का विषय अन्तर्विष्ट है । सजा – दो वर्ष सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। 2. किसी अन्य मामले में मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण सामग्री का बेचना। सजा – दो वर्ष सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यदि मानहानि का अपराध निजी व्यक्ति के विरुद्ध है तो अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।

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