धारा 217 आईपीसी (IPC Section 217 in Hindi) – लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति के समपहरण से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा

धारा 217 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 217 के अनुसार, जो कोई लोक सेवक होते हुए विधि के ऐसे किसी निदेश की, जो उस संबंध में हो कि उससे ऐसे लोक सेवक के नाते किस ढंग का आचरण करना चाहिए, जानते हुए अवज्ञा किसी व्यक्ति को वैध दंड से बचाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा बचाएगा यह जानते हुए अथवा उससे दंड की अपेक्षा, जिससे वह दंडनीय है, तद्द्वारा कम दंड दिलवाएगा या संभाव्य जानते हुए अथवा किसी संपत्ति को ऐसे समपहरण या किसी भार से, जिसके लिए वह संपत्ति विधि के द्वारा दायित्व के अधीन है बचाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा बचाएगा यह जानते हुए करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

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