धारा 225क आईपीसी (IPC Section 225क in Hindi) – उन दशाओं में जिनके लिए अन्यथा उपबंध नहीं है लोक सेवक द्वारा पकड़ने का लोप या निकल भागना सहन करना

धारा 225क का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 225क के अनुसार, जो कोई ऐसा लोक सेवक होते हुए जो किसी व्यक्ति को पकड़ने या परिरोध में रखने के लिए लोक सेवक के नाते वैध रूप से आबद्ध हो उस व्यक्ति को किसी ऐसी दशा में, जिसके लिए धारा 221, धारा 222 या धारा 223 अथवा किसी अन्य तत्समय प्रवॄत्त विधि में कोई उपबंध नहीं है, पकड़ने का लोप करेगा या परिरोध से निकल भागना सहन करेगा– (क) यदि वह ऐसा साशय करेगा, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, तथा (ख) यदि वह ऐसा उपेक्षापूर्वक करेगा तो वह सादा कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

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