धारा 27 हिन्दू विवाह अधिनियम – सम्पत्ति का व्ययन

विवरण

इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी भी कार्यवाही में, न्यायालय ऐसी सम्पत्ति के बारे में, जो विवाह के अवसर पर या उनके आसपास उपहार में दी गई हो और संयुक्त पति और पत्नी दोनों की हो, डिक्री में ऐसे उपबन्ध कर सकेगा जिन्हें वह न्यायसंगत और उचित समझे ।

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