धारा 4 हिन्दू विवाह अधिनियम – अधिनियम का सर्वोपरि प्रभाव

विवरण

इस अधिनियम में अन्यथा अभिव्यक्तरूपेण उपबन्धित को छोडकर:- (क) हिन्दू विधि का कोई पाठ, नियम या निर्वचन या उस विधि की भागरूपी रूढ़ि या प्रथा जो कि इस अधिनियम के प्रारम्भ होने से अव्यवहितपूर्व प्रवृत्त थी, ऐसी किसी बात के बारे में प्रभावशून्य हो जायेगी जिसके लिये इस अधिनियम द्वारा उपबन्ध किया गया है। (ख) कोई अन्य विधि जो कि इस अधिनियम के प्रारम्भ से अव्यवहितपूर्व प्रवृत्त थी, वहाँ तक प्रभावशून्य हो जायेगी जहाँ तक कि वह इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट उपबन्धों में से किसी से असंगत है।

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