धारा 179 आयकर अधिनियम (Income Tax Section 179 in Hindi) – परिसमापन में निजी कंपनी के निदेशकों की देयता

आयकर अधिनियम धारा 179 विवरण

(१) कंपनी अधिनियम, १ ९ ५६३० (१ ९ ५६ का १) में कुछ भी शामिल नहीं है, जहां पिछले वर्ष की किसी भी आय के संबंध में किसी भी पिछले वर्ष की किसी भी आय या किसी अन्य कंपनी के संबंध में एक निजी कंपनी से कोई कर। ऐसी दूसरी कंपनी जो एक निजी कंपनी थी, उसे वापस नहीं लिया जा सकता है, तब, प्रत्येक व्यक्ति जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय निजी कंपनी का निदेशक था, संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से इस तरह के कर के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा जब तक कि वह साबित न करे कि -कंपनी को कंपनी के मामलों के संबंध में किसी भी तरह की घोर उपेक्षा, मिसफिजेंस या कर्तव्य के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। (2) जहां एक निजी कंपनी को सार्वजनिक कंपनी में परिवर्तित किया जाता है और पिछले वर्ष की किसी भी आय के संबंध में कर का आकलन किया जाता है, जिसके दौरान ऐसी कंपनी एक निजी कंपनी नहीं हो सकती है, तब उप-धारा (1) में निहित कुछ भी नहीं किया जाएगा। 1 अप्रैल, 1962 के 1 दिन से पहले शुरू होने वाले किसी भी आकलन वर्ष के लिए ऐसी निजी कंपनी की किसी भी आय के संबंध में किसी भी कर के संबंध में ऐसी निजी कंपनी के निदेशक थे, जो किसी भी व्यक्ति पर लागू होते हैं। स्पष्टीकरण। इस खंड के प्रयोजनों के लिए, अभिव्यक्ति “कर देय” में अधिनियम के तहत देय जुर्माना, ब्याज या कोई अन्य राशि शामिल है।

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