धारा 175 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 175 के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक को, ऐसे लोक सेवक के नाते किसी 1[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] को पेश करने या परिदत्त करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उसको इस प्रकार पेश करने या परिदत्त करने का साशय लोप करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, अथवा, यदि वह 1[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] किसी न्यायालय में पेश या परिदत्त की जानी हो, तो वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । दृष्टांत 1 2000 के अधिनियम सं. 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा (17-10-2000 से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित । 2 2000 के अधिनियम सं. 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा (17-10-2000 से) दस्तावेज के स्थान पर प्रतिस्थापित । 3 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा उच्चतम न्यायालय के स्थान पर प्रतिस्थापित । 4 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा जिला न्यायाधीश के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 34 क, जो एक 1[एक जिला न्यायालय] के समक्ष दस्तावेज पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध है, उसको पेश करने का साशय लोप करता है । क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।