धारा 285 आईपीसी (IPC Section 285 in Hindi) – अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण।

धारा 285 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 285 के अनुसार, जो कोई अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ से कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा जिससे मानव जीवन संकटग्रस्त हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को चोट या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो, अथवा अपने कब्जे में संग्रहीत अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ की ऐसी व्यवस्था करने का, जो मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।   लागू अपराध अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण। सजा – छह महीने कारावास या एक हजार रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।   यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

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