धारा 381 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 381 के अनुसार, जो भी कोई लिपिक या सेवक होते हुए, या लिपिक या सेवक के रूप में नियुक्त होते हुए, अपने मालिक या नियोक्ता के कब्जे की किसी संपत्ति की चोरी करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा। लागू अपराध लिपिक या सेवक द्वारा स्वामी या नियोक्ता के कब्जे में संपत्ति की चोरी। सजा – सात वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित व्यक्ति (चोरी की गयी संपत्ति का स्वामी) द्वारा समझौता करने योग्य है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।