धारा 287 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 287 के अनुसार, जो कोई किसी मशीनरी से, कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो, अथवा अपने कब्जे में की या अपनी देखरेख के अधीन की किसी मशीनरी की ऐसी व्यवस्था करने का जो, ऐसी मशीनरी से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।