धारा 357 आईपीसी (IPC Section 357 in Hindi) – किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।

धारा 357 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 357 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्न करने में करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा। लागू अपराध किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग। सजा – एक वर्ष कारावास या एक हजार रुपए जुर्माना या दोनों। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।   यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित व्यक्ति (जिस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग किया गया है) द्वारा समझौता करने योग्य है।

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