धारा 206 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 206 के अनुसार, जो कोई किसी संपत्ति को, या उसमें के किसी हित को इस आशय से कपटपूर्वक हटाएगा, छिपाएगा या किसी व्यक्ति को अंतरित या परिदत्त करेगा, कि एतद््द्वारा वह उस संपत्ति या उसमें के किसी हित का ऐसे दंडादेश के अधीन जो न्यायालय या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुनाया जा चुका है या जिसके बारे में वह जानता है कि न्यायालय या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसका सुनाया जाना संभाव्य है, समपहरण के रूप में या जुर्माने के चुकाने के लिए लिया जाना या ऐसी डिक्री या आदेश के निष्पादन में, जो सिविल वाद में न्यायालय द्वारा दिया गया हो या जिसके बारे में वह जानता है कि सिविल वाद में न्यायालय द्वारा उसका सुनाया जाना संभाव्य है, लिया जाना निवारित करे, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।