धारा 156 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 156 के अनुसार, जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या उसकी ओर से उपद्रव किया जाए, जो किसी भूमि, जिसके विषय में ऐसा उपद्रव हो, का स्वामी या अधिवासी हो या जो ऐसी भूमि में या उपद्रव को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय में कोई हित रखने का दावा करता हो या उससे कोई फायदा स्वीकार या प्राप्त करने वाले व्यक्ति के अभिकर्ता या प्रबंधक जो इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसा उपद्रव किया जाना संभाव्य है या जिस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह द्वारा ऐसा उपद्रव किया जाए, उस जनसमूह का होना सम्भाव्य है, अपनी क्षमता और शक्ति अनुसार सब क़ानूनी साधनों का उपयोग कर उस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह को बिखरने या उपद्रव को दबाने का निवारण नहीं करता तो उसे आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। लागू अपराध स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। सजा – आर्थिक दंड। यह एक जमानती, ग़ैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।