धारा 199 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 199 के अनुसार, जो कोई अपने द्वारा की गई या हस्ताक्षरित किसी घोषणा में, जिसकी किसी तथ्य के साक्ष्य के रूप में लेने के लिए कोई न्यायालय, या कोई लोक सेवक या अन्य व्यक्ति विधि द्वारा आबद्ध या प्राधिकॄत हो, कोई ऐसा कथन करेगा, जो किसी ऐसी बात के संबध में, उस उद्देश्य के लिए तात्विक हो जिसके लिए वह घोषणा की जाए या उपयोग में लाई जाए, मिथ्या है और जिसके मिथ्या होने का उसे ज्ञान या विश्वास है, या जिसके सत्य होने का उसे विश्वास नहीं है, वह उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो। लागू अपराध विधि द्वारा साक्ष्य के रूप में लिये जाने योग्य घोषणा में किया गया मिथ्या कथन। सजा – झूठे साक्ष्य के लिए उपबंधित दण्ड। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और झूठे साक्ष्य देने के अपराध अनुसार विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।