धारा 195 आईपीसी (IPC Section 195 in Hindi) – आजीवन कारावास या कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि प्राप्त करने के आशय से झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना

धारा 195 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 195 के अनुसार, जो भी कोई इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए कि एतद्द्वारा किसी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए, जो भारत में तत्समय प्रवॄत्त विधि द्वारा मॄत्यु से दण्डनीय न हो किन्तु आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दण्डनीय हो, दोषसिद्ध कराने के लिए, मिथ्या साक्ष्य देगा या गढ़ेगा, वह वैसे ही दण्डित किया जाएगा जैसे वह व्यक्ति दण्डनीय होता जो उस अपराध के लिए दोषसिद्ध होता।   लागू अपराध ऐसे अपराध जो आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दण्डनीय हो, का दोषसिद्ध कराने के लिए, झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना। सजा – अपराध अनुसार। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।        यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

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