धारा 110 आईपीसी (IPC Section 110 in Hindi) – दुष्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है।

धारा 110 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 110 के अनुसार, जो कोई किसी अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति ने दुष्प्रेरक के आशय या ज्ञान से भिन्न आशय या ज्ञान से वह कार्य किया हो, तो वह उसी दण्ड से दण्डित किया जाएगा, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है, जो दुष्प्रेरक के ही आशय या ज्ञान से, न कि किसी अन्य आशय या ज्ञान से, किया जाता है।   लागू अपराध दुष्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है। सजा – अपराध अनुसार। इसकी जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई अपराध अनुसार होगी।   यह समझौता करने योग्य नहीं है।

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