धारा 332 आईपीसी (IPC Section 332 in Hindi) – लोक सेवक अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना

धारा 332 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 332 के अनुसार, जो भी कोई किसी लोक सेवक को, उस समय जब वह लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हो अथवा इस आशय से कि उस व्यक्ति को या किसी अन्य लोक सेवक को, लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य के निर्वहन, अथवा लोक सेवक के नाते उस व्यक्ति द्वारा अपने कर्तव्य के विधिपूर्ण निर्वहन में की गई या किए जाने वाली किसी बात के परिणाम से निवारित या भयोपरत कर स्वेच्छापूर्वक गंभीर चोट पहुँचाता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा।   लागू अपराध लोक सेवक अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना सजा – तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

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