धारा 88 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के अनुसार, कोई बात, जो मॄत्यु कारित करने के आशय से न की गई हो, किसी ऐसी अपहानि के कारण अपराध नहीं है जो उस बात से किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसके फायदे के लिए वह बात सद््भावपूर्वक की जाए और जिसने उस अपहानि को सहने, या उस अपहानि की जोखिम उठाने के लिए चाहे अभिव्यक्त, चाहे विवक्षित सम्मति दे दी हो, कारित हो या कारित करने का कर्ता का आशय हो या कारित होने की संभाव्यता कर्ता को ज्ञात है । दृष्टांत क, एक शल्य चिकित्सक, यह जानते हुए कि एक विशेष शस्त्रकर्म से य को, जो वेदनापूर्ण व्याधि से ग्रस्त है, मॄत्यु कारित होने की संभाव्यता है किंतु य की मॄत्यु कारित करने का आशय न रखते हुए और सद््भावपूर्वक य के फायदे के आशय से य की सम्मति से य पर वह शस्त्रकर्म करता है । क ने कोई अपराध नहीं किया है ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।