धारा 132 आईपीसी (IPC Section 132 in Hindi) – विद्रोह का दुष्प्रेरण यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए।

धारा 132 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 132 के अनुसार, जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा विद्रोह किए जाने का दुष्प्रेरण, जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए, करेगा, तो उसे मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे अधिकतम दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा। लागू अपराध विद्रोह का दुष्प्रेरण जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए। सजा – मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास या दस वर्ष तक कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।   यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।

Leave a Reply