धारा 423 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 423 के अनुसार, जो कोई बेईमानी से या कपटपूर्वक किसी ऐसे विलेख या लिखत को हस्ताक्षरित करेगा, निष्पादित करेगा, या उसका पक्षकार बनेगा, जिससे किसी सम्पत्ति का, या उसमें के किसी हित का, अंतरित किया जाना, या किसी भार के अधीन किया जाना, तात्पर्यित है, और जिसमें ऐसे अंतरण या भार के प्रतिफल से संबंधित, या उस व्यक्ति या उन व्यक्तियों से संबंधित, जिसके या जिनके उपयोग या फायदे के लिए उसका प्रवर्तित होना वास्तव में आशयित है, कोई मिथ्या कथन अन्तर्विष्ट है, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।