धारा 442 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 442 के अनुसार, जो कोई किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में, जो मानव-निवास के रूप में उपयोग में आता है, या किसी निर्माण में, जो उपासना-स्थान के रूप में, या किसी संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आता है, प्रवेश करके या उसमें बना रह कर, आपराधिक अतिचार करता है, वह गॄह-अतिचार करता है, यह कहा जाता है । स्पष्टीकरण–आपराधिक अतिचार करने वाले व्यक्ति के शरीर के किसी भाग का प्रवेश गॄह-अतिचार गठित करने के लिए पर्याप्त प्रवेश है ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।