धारा 453 आईपीसी (IPC Section 453 in Hindi) – प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन के लिए दंड

धारा 453 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 453 के अनुसार, जो कोई प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा । 1 1955 के अधिनियम सं0 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 85

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