धारा 489ङ का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 489ङ के अनुसार, (1) जो कोई किसी दस्तावेज को, जो करेन्सी नोट या बैंक नोट होना तात्पर्यित हो या करेन्सी नोट या बैंक नोट के किसी भी प्रकार सदृश हो या इतने निकटतः सदृश हो कि प्रवंचना हो जाना प्रकल्पित हो, रचेगा या रचवाएगा या किसी भी प्रयोजन के लिए उपयोग में लाएगा या किसी व्यक्ति को परिदत्त करेगा, वह जुर्माने से, जो एक सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा । (2) यदि कोई व्यक्ति जिसका नाम ऐसी दस्तावेज पर हो, जिसकी रचना उपधारा (1) के अधीन अपराध है, किसी पुलिस आफिसर को उस व्यक्ति का नाम और पता, जिसके द्वारा वह मुद्रित की गई थी या अन्यथा रची गई थी, बताने के लिए अपेक्षित किए जाने पर उसे विधिपूर्ण प्रतिहेतु के बिना बताने से इंकार करेगा, वह जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा । (3) जहां कि किसी ऐसी दस्तावेज पर जिसके बारे में किसी व्यक्ति पर उपधारा (1) के अधीन अपराध का आरोप लगाया गया हो, या किसी अन्य दस्तावेज पर, जो उस दस्तावेज के सम्बन्ध में उपयोग में लाई गई हो, या वितरित की गई हो, किसी व्यक्ति का नाम हो, वहां जब तक तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जा सकेगी कि उसी व्यक्ति ने वह दस्तावेज रचवाई है ।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।