धारा 20 हिन्दू विवाह अधिनियम – अर्जियों की अन्तर्वस्तु और सत्यापन

विवरण

(1) इस धारा के अधीन उपस्थापित हर अर्जी उन तथ्यों को जिन पर अनुतोष का दावा आधारित हो इतने स्पष्ट तौर पर कथित करेगी जितना उस मामले की प्रकृति अनुज्ञात करे और धारा 11 के अधीन अर्जी को छोड़कर ऐसी हर अर्जी यह भी कथित करेगी कि अर्जीदार और विवाह के दूसरे पक्ष के बीच कोई दुस्सन्धि नहीं है। (2) इस अधिनियम के अधीन दी जाने वाली हर अर्जी में अन्तर्विष्ट कथन वाद पत्रों के सत्यापन के लिए विधि द्वारा अपेक्षित रीति से अर्जीदार या अन्य सक्षम व्यक्ति द्वारा सत्यापित किये जायेंगे और सुनवाई के समय साक्ष्य के रूप में ग्राह्य होंगे।

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