धारा 13क हिन्दू विवाह अधिनियम – विवाह-विच्छेद कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को वैकल्पिक अनुतोष

विवरण

विवाह-विच्छेद की डिक्री द्वारा विवाह के विघटन के लिए अर्जी पर इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में, उस दशा को छोड़कर जहाँ और जिस हद तक अर्जी धारा 13 की उपधारा (1) के खंड (ii), (vi) और (vii) में वर्णित आधारों पर है, यदि न्यायालय मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह न्यायोचित समझता है तो विवाह-विच्छेद की डिक्री के बजाय न्यायिक-पृथक्करण के लिए डिक्री पारित कर सकेगा।

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