घटना या कोर्ट case ki संभावना होने पर सलाह लेना।
ये वो सबसे पहला काम है जो आपको करना चाहिए । हमेशा जब भी कोई अप्रिय घटना घट जाए या आपको आशंका हो कि आपको किसी कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है , तो ऐसी सूरत में कोशिश करे कि कोई केस होने से पहले या कोई घटना होने के बाद डॉक्टर या पुलिस के पास जाने से पहले ही आप किसी ऐसे अधिवक्ता से जो आपके केस संबंधित कानून में श्रेष्ठ हो मतलब expert हो से सलाह जरूर करे। आपके केस संबंधित (Lawyer adhivakta advocate ya vakil aapke case sambandhit law mein expert ho usko kaise dhunde janne ke liye yaha click kare .)
इससे होगा ये की पहले ही आपको कानूनी सलाह मिल जाएगी और आपको पता होगा कि डॉक्टर से किस प्रकार की जांच करानी है पुलिस को क्या बताना है और आपके ऊपर होने वाले केस में आप पहले ही अपना बचाव कैसे कर सकते है। ये समय वो समय होता है जो आपके केस की नींव तैयार करता है और ये तो आप जानते ही होंगे कि नींव यानी foundation अगर मज़बूत होगी तो आपका केस भी मजबूत रहेगा और फिर आपको केस जितने से कोई नही रोक सकता।
जब कोर्ट केस चल रहा हो या शुरू हो जाए तो आप नीचे लिखे तरीके जरूर अपनाये इससे आपको जीत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
Court case winning strategy.
Studying case.
आपके वकील साहब को aapke case ki history यानि इतिहास और वर्तमान की अच्छे से study karni chahiye.और भविष्ये yani future mein case kis taraf jaiga, मतलब हार की या जीत की क्या सम्भावना है iska andaza laga lena chahiye.
Benefits of case study
1. Complete knowledge हो जाएगी केस के विषय में।
2. भविष्ये क्या होगा केस का, इसका अंदाज़ा हो जाएगा।
3.बार बार आपको केस के बारे में कुछ भी वकील साहब को explain nhi karna padega
4. Case jeet ki taraf jata dikhega to jeet सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
5. But if court case फ्यूचर में defeat ki तरफ जाता दिखता है तो, हार को टालने के उपाय खोजने में मदद मिलती है।
6. केस में किन documents proof evidence यानि सबूतों की जरुरत है इसका ज्ञान केस की starting stage mein hi ho jaiga.
7. वकील साहब शुरुवात में ही decide kar sakege ki unko कानून का कौनसा पैतरा चलना है । और आपको भी बता पायेंगे की, आपको अपने केस को मजबूत करने के लिए क्या, कैसे, कब करना है।
After Case Study
केस study complete hone ke baad aapke advocate आपको केस के weak point और strong points ke बारे में बतायेगे। अगर वकील साहब नही बताते तो आपको उनसे पूछना चाहिए।
यहाँ ग़ाज़ियाबाद कोर्ट में अक्सर आपसे मिलते ही दो बात करने के बाद वकील साहब कहते है , “अरे हम तो लिफाफा देखकर मज़मून जान लेते है। ” मतलब मामला क्या है दो बात करते ही समझ जाते है। और केस को समझने की जगह सीधा फीस पर आ जाते है। ऐसे वकील खुद को श्रेष्ठ अधिवक्ता समझते है।
ये तरीका प्रोफेशनल नही है। और न ही कोई कोर्ट केस “लिफाफा” होता है । कोर्ट केस को हर हाल में completly स्टडी करना ही चाहिए। कोई भी कोर्ट केस कितना ही छोटा या बड़ा हो आपकी जिंदगी को हमेशा के लिए आबाद या बर्बाद कर सकता है।
चलिए Case अध्यन हो गया अब आगे क्या करना है जानते है।
जब आप या आपके perokaar तथा वकील साहब केस का गहराई से अध्यन karle तो सबसे पहले ये तय करले की आपके केस के विषय में कोई भी जानकारी किसको दी जाएगी और kon vakil sahaab ko jankari dega, ye vyakti ya to aap khud ho sakte hai ya aapka perokaar.
Who is perokaar? पैरोकार/Perokaar कौन होता है?
पैरोकार या तो आप खुद हो सकते है अपने केस में या फिर यदि आप खुद अपने केस की पैरवी यानि देखभाल नही कर सकते, ऐसी परिस्थिति तब आती है जब ya तो aap jail mein hai, police custody mein hai, या आप फरार है, घायल है, या किसी अन्य कारण से भी आप खुद केस को handle nhi kar sakte. तो इस स्थिति में कोई भी आपका विश्वासपात्र चाहे वो पारिवारिक हो या कोई aur आपके केस के विषय में भागदौड़ या देखभाल कर सकता है। ऐसे ही व्यक्ति को perokaar कहते है।
Why पैरोकार is important ?
पैरोकार एक ऐसा व्यक्ति होता है जो आपकी जगह आपके केस के विषय में सभी तरह की जानकारी वकील साहब से साझा करता है। केस में फीस समेत सभी अन्य तरह के खर्चो को करता है, तथा आपकी अनुपस्थिति में केस के सम्बन्ध में वकील साहब को बताता है कि आप क्या चाहते है । तथा वकील साहब भी उससे ही आपके केस से सम्बंधित सभी secret तथा आम jankari share karte hai. इन्ही सब कारणों से पैरोकार बोहुत महत्त्वपूर्ण व्यक्ति होता है। इसलिए पैरोकार का चयन बोहुत देखभाल के करना चाहिए ।
याद रखिये कोर्ट केस जितना है तो पैरोकार आपका सबसे भरोसेमंद ही होना चाहिए। किसी और योग्यता की आवश्यकता नही है।
केस की जानकारी गोपनीय यानि secret rakhna.
Apne court case को गोपनीय रखना।
सभी तरह की कोर्ट केस संबंधित details गोपनीय रखना बोहुत जरूरी है because आपकी छोटी सी भी जानकारी आपके विरोधी को कोर्ट में लाभ दिलवा सकती है। इसलिए आपके केस संबंधित कोई भी जानकारी आपके, या आपके पैरोकार तथा वकील साहब के अलावा किसी को भी पता नही होनी चाहिए।
वकील साहब या अपने Advocate की फीस तय करिये।
आप सोचेंगे ये तो सभी करते ही है इसमें बताने जैसा क्या है। तो आपको बता दे कि आप हमेशा फीस तय करते है, मगर ये तय नही करते कि केस कितना लंबा चलेगा या कितना छोटा। इसलिए आपको बता दे कि फीस हमेशा एक मुश्त यानी total fees tay kare. और वकील साहब को कहे कि केस जल्दी खत्म हो तो भी आप तय फीस ही देंगे, और लंबा चलने पर भी । ऐसा करने से वकील साहब भी प्रेरित होंगे कि वो आपका केस जल्दी निबटा दे, और इसका सीधा फायदा आपको मिलेगा।
Because अक्सर ये देखा जाता है कि वकील ही केस को लटकाकर रखते है कियुकि उनको ये डर रहता है कि अगर केस जल्दी खत्म हो गया तो client puri fees nhi dega aur client ko lagega ki vakil sahaab ne kam मेहनत की है। आप चाहे तो आप केस जल्दी खत्म होने पर कुछ एक्स्ट्रा फीस देने का वादा भी वकील साहब को कर सकते है।
कोर्ट रूम में पेशकार/Reader और चपरासी/peon को सेट रखना।
पेशकार कोर्ट का कर्मचारी होता है जो आपके केस की फ़ाइल जज /मजिस्ट्रेट के आगे पेश करता है तथा केस में अगली तारीख लगता है या किसी तरह के डॉक्यूमेंट जो आपके वकील कोर्ट में जमा करना चाहते है उनको आपकी केस फ़ाइल में लगता है। चपरासी आपके केस में कोर्ट रूम के बाहर आवाज़ लगता है ताकि आप अपने केस में पेश हो सके । चपरासी की पोहच कोर्ट के हर कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक होती है। आपके विरोधी की भी जानकारी इन दोनों के पास होती है, ऐसी जानकारी अगर आपको या आपके वकील साहब को मिल जाए तो बोहुत फायदेमंद हो सकती है।
इसलिए आपको रीडर व चपरासी को सेट करना आपके केस के लिए बोहुत आवश्यक होता है । यहाँ सेट करने का मतलब संबंध ठीक रखने से है। संबंध बनाना भी बोहुत ही आसान होता है। इसके बारे में आप अपने वकील साहब से पूछिए वो आपको पूरी जानकारी दे देंगे। और अगर वो नही बताते तो भी आप आसानी से समझ सकते है कि एक सरकारी कर्मचारी को सेट किस तरह से किया जाता है।
अब आखिरी तरीका है अपनी तारीख पर हमेश हाज़िर रहना इससे आपको अपने केस की हर बात पता रहेगी और कोर्ट की निगाह में भी आपकी छवि अच्छी रहेगी thats all.
हमारे बताये तरीके अपनाने से आप अपने कोर्ट केस में definate हार को winning में बदल सकते है, और कोर्ट केस से जल्दी छुटकारा भी पा सकते है।
उम्मीद है आपको कोर्ट केस जितने के तरीके पसंद आये होंगे फिर भी कोई सुझाव वा सवाल हो तो कमेंट जरूर करे । धन्यवाद।