धारा 231 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 231 के अनुसार, जो कोई सिक्के का कूटकरण करेगा या जानते हुए सिक्के के कूटकरण की प्रव्रिEया के किसी भाग को करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा । स्पष्टीकरण–जो व्यक्ति असली सिक्के को किसी भिन्न सिक्के के जैसा दिखलाई देने वाला इस आशय से बनाता है कि प्रवंचना की जाए या यह संभाव्य जानते हुए बनाता है कि तद््द्वारा प्रवंचना की जाएगी, वह यह अपराध करता है । 1 1872 के अधिनियम सं0 19 की धारा 1 द्वारा प्रथम मूल पैरा के स्थान पर प्रतिस्थापित । 2 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा पूर्ववर्ती पैरा के स्थान पर प्रतिस्थापित । 3 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा क्वीन का सिक्का के स्थान पर प्रतिस्थापित । 4 1896 के अधिनियम सं0 6 की धारा 1(2) द्वारा जोड़ा गया । 5 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा क्वीन के सिक्के के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 47CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।