धारा 229 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 229 के अनुसार, जो कोई किसी मामले में प्रतिरूपण द्वारा या अन्यथा, अपने को यह जानते हुए जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता के रूप में तालिकांकित, सूचीबद्ध या गॄहीतशपथ साशय कराएगा या होने देना जानते हुए सहन करेगा कि वह इस प्रकार तालिकांकित, सूचीबद्ध या गॄहीतशपथ होने का विधि द्वारा हकदार नहीं है या यह जानते हुए कि वह इस प्रकार तालिकांकित, सूचीबद्ध या गॄहीतशपथ विधि के प्रतिकूल हुआ है ऐसे जूरी में या ऐसे आंकलन कर्ता के रूप में स्वेच्छा पूर्वक सेवा करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा। लागू अपराध जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता का प्रतिरूपण। सजा – दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।