धारा 437 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 437 के अनुसार, जो भी कोई किसी तल्लायुक्त जलयान या बीस टन या उससे अधिक बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बना देने के आशय से, या यह सभ्भाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उसे नष्ट करेगा, या असुरक्षित बना देगा, उस जलयान की कुचेष्टा करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा। लागू अपराध किसी तल्लायुक्त या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के आशय से कुचेष्टा। सजा – दस वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह समझौता करने योग्य नहीं है।CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।