धारा 488 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 488 के अनुसार, कोई अन्तिम पूर्वगामी धारा द्वारा प्रतिषिद्ध किसी प्रकार से किसी ऐसे मिथ्या चिह्न का उपयोग करेगा, जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि उसने वह कार्य कपट करने के आशय के बिना किया है, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने उस धारा के विरुद्ध अपराध किया हो । 1 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) किसी मिथ्या व्यापार चिह्न या शब्दों का लोप किया गया । 2 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) व्यापार चिह्न या शब्दों का लोप किया गया । 3 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) मूल धारा के स्थान पर प्रतिस्थापित । 4 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) कतिपय शब्द के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 91CLICK HERE FOR FREE LEGAL ADVICE. मुफ्त कानूनी सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें ।