धारा 480 आईपीसी (IPC Section 480 in Hindi) – मिथ्या व्यापार चिह्न का प्रयोग किया जाना

धारा 480 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 480 के अनुसार, व्यापार और पण्य चिह्न अधिनियम, 1958 (1958 का 43) की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) निरसित । 1 1955 के अधिनियम सं0 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित । 2 2000 के अधिनियम सं0 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा (17-10-2000 से) किसी दस्तावेज के स्थान पर प्रतिस्थापित । 3 1895 के अधिनियम सं0 3 की धारा 4 द्वारा अंतःस्थापित । 4 2000 के अधिनियम सं0 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा (17-10-2000 से) पुस्तक, कागज, लेखा के स्थान पर प्रतिस्थापित । 5 1889 के अधिनियम सं0 4 की धारा 3 द्वारा मूल शीर्ष और धारा 478 से 489 के स्थान पर प्रतिस्थापित । 6 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) व्यापार शब्द का लोप किया गया । भारतीय दंड संहिता, 1860 90

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